The journey continues….

राष्ट्रवादी उपभोक्ता बनेंगे ?
राष्ट्र को आत्मनिर्भर बनाने के लिये अपने हिस्से का योगदान देने में समर्थ होना चाहेंगे या असमर्थ रहना चाहेंगे ?

अम्मा
माँ नोवेम्बर 1938 – अगस्त 2020 अम्मा चली गयीं। उनकी आत्मा अब दिवंगत हो गई। ईश्वर की शरण में है। जीवन चक्र का एक वृत्त पूर्ण हुआ। ये अच्छी तरह पता है, लेकिन माँ का रूप तो वही देखा जाना, जो इस जीवनमें था। आत्मा की यात्रा की जानकारी उनके अब अचानक से न होने … Continue reading “अम्मा”

मेरा गीता पथ
गीता जयंती के अवसर पर अनेक गहन लेख, विश्लेषण कई विद्वानों ने आज साझा किये। मेरा तो साधारण सा लगने वाला मेरा असाधारण अनुभव, साझा कर रही हूँ।

सुता चली ससुराल!
नारी की यह प्रतिष्ठा, अविवाहितावस्था का स्वातंत्र्य, गृहव्यवस्था की स्वामिनी रूप में परिवर्तन, धर्म व्यवस्था शिक्षा का संतान को परंपरागत रूप में हस्तांतरण, पुरुष को संरक्षण व पोषण के लिए दिया जाने वाला दायित्व और ज्ञान-विज्ञान जैसे गंभीर विषय पर प्रभुत्व – पश्चिम के प्रकाश में सुधार की धूसित धारणा रखने वाले लोगों विशेषकर देवियों को अब भी पथ-प्रदर्शन के लिए पर्याप्त है।


गाय का संक्षिप्त परिचय
गाय का संक्षिप्त परिचय – पंचगव्य विज्ञान से उदृत भारत में वर्तमान समय में मुख्य रूप से तीन प्रकार की गायें पाई जाती हैं :1. जर्सी गाय 2. दोगली गाय 3. देशी गाय 1. जर्सी गाय – जर्मन के जंगलों में एक माँसाहारी पशु था लेकिन उसके चार स्तन थे, उसकी मादा दूध देती थी। … Continue reading “गाय का संक्षिप्त परिचय”

मुराहू पण्डित का गंगा स्नान
मुराहू जी की जीवनचर्या से प्रतिचित्रण (map) कर यहाँ ये बताने का प्रयास है कि जो कुछ हम भारतीय ग्रंथों-शास्त्रों में पढ़ते हैं वह पूर्णतया प्रायोगिक है, समकालीन-अद्यतन है और उसे अपने जीवन में उतारकर कैसे व्यक्ति सुखी और स्वस्थ रह सकता है।

विश्वगुरु राष्ट्र के नागरिकों का स्तर
किसी भी देश के उन्नत होने के, परिपक्व होने के और विश्व गुरु होने के लक्षणों में मुख्य है उसके नागरिकों की मानसिक दशा व बौद्धिक स्तर! भारत की क्या स्थिति थी? अभी क्या है?

अहिल्या की कथा और उसके सत्य के रूप!
प्राचीन अहल्या महर्षि गौतम की पत्नी थीं. इनके पिता का नाम वृद्धाश्व था। अहिल्या अत्यंत रूपवती थी। देवराज इंद्र ने गौतम का रूप धार का इनका धर्म नष्ट करना चाहा। गौतम के शाप से इंद्रा नपुंसक हो गए थे, परंतु देवताओं ने बड़े परिश्रम से मेष का पुरुषत्व ले कर इंद्रा को प्रदान किया, तभी … Continue reading “अहिल्या की कथा और उसके सत्य के रूप!”
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