‘रामात् नास्ति श्रेष्ठ:’ ‘शक्तिक्रीडा जगत सर्वम्’ – संस्कृत भाषा का आध्यात्मिक संबंध

‘रामात् नास्ति श्रेष्ठ:’ ‘शक्तिक्रीडा जगत सर्वम्’ – संस्कृत भाषा का आध्यात्मिक संबंध (सूचना: विचारों का तंतुजाल जटिल हो सकता है, किंतु इसे सरल शब्दों में परिवर्तित करने की कोई मंशा नहीं है ☺️।) ‘रामात् नास्ति श्रेष्ठ:’ तथा ‘शक्तिक्रीडा जगत सर्वम्’ इन दोनों वाक्यों का संस्कृत भाषा के सन्दर्भ मे एक विशेष आध्यात्मिक संबंध है। संस्कृत […]
राष्ट्रवादी उपभोक्ता बनेंगे ?

राष्ट्रवादी उपभोक्ता बनेंगे ? आपने शायद वो विडिओ देखा होगा चीन का मनी ट्रैप – यानि उसके पैसे के जाल के बारे में। कैसे चीन पहले सहायता के लिये लोन देता है और देशों के वापस ना चुकाने पर धीरे धीरे उस देश के संसाधनों और स्थानों तक पर अपना कानूनी रूप से वैध अधिकार […]
सुता चली ससुराल!

सुता चली ससुराल! शादी करके लड़कियों को ही पति के घर क्यों जाना होता है ? इस प्रश्न का उत्तर देने का प्रयास.. जिस वैदिक समाज की आदिम वैवाहिक कल्पना ‘सूर्या’ के रूप में ऋग्वेद में प्रस्तुत की है, उसकी कल्पना न जाने कितनी शत-सहस्त्राब्दियों के बाद भी समाज में यथावत देखी जा सकती है। […]
गाय का संक्षिप्त परिचय

गाय का संक्षिप्त परिचय गाय का संक्षिप्त परिचय – पंचगव्य विज्ञान से उदृत भारत में वर्तमान समय में मुख्य रूप से तीन प्रकार की गायें पाई जाती हैं :1. जर्सी गाय 2. दोगली गाय 3. देशी गाय 1. जर्सी गाय – जर्मन के जंगलों में एक माँसाहारी पशु था लेकिन उसके चार स्तन थे, उसकी […]
अहिल्या की कथा और उसके सत्य के रूप!

अहिल्या की कथा और उसके सत्य के रूप! प्राचीन अहल्या महर्षि गौतम की पत्नी थीं. इनके पिता का नाम वृद्धाश्व था। अहिल्या अत्यंत रूपवती थी। देवराज इंद्र ने गौतम का रूप धार का इनका धर्म नष्ट करना चाहा। गौतम के शाप से इंद्रा नपुंसक हो गए थे, परंतु देवताओं ने बड़े परिश्रम से मेष का […]
टिकटॉक, इंद्रजीत और अक्षपाद

टिकटॉक, इंद्रजीत और अक्षपाद आज भारत में कई अन्य एप्प के साथ साथ टिकटॉक भी बंद हो गया है (वर्तमान में तो हो गया है, भविष्य के बारे में ज्ञात नहीं)। भयंकर हलचल है अंतर्जाल पर! जीवन, जीवन का सार, जीविका, जिजीविषा – न जाने क्या क्या छिन्न-भिन्न हो गया है कितने भारतीय नागरिकों का […]