मन ही सार है..

मन ही सार है.. मनुष्य तत्व के अंतर्गत ‘मन’ ही सार वस्तु है। इसी औज़ार के सहारे वह छोटे बड़े कार्यों का सम्पादन करता है, पाप-पुण्य, उन्नति-अवनति, सफलता-असफलता, स्वर्ग-नरक की रचना करता है। जिस औज़ार के ऊपर सारा सुख दुख निर्भर है, उसका ठीक प्रकार से प्रयोग करना हर एक व्यक्ति को आना चाहिए। परंतु […]

पंचकोष विज्ञान और पंचकोष आधारित विकास

पंचकोष विज्ञान और पंचकोष आधारित विकास मनुष्य जीवन का परम लक्ष्य क्या है ? जीवन की सार्थकता कहाँ पर है ? विकास का परमोच्च शिखर क्या है ? तृप्ति और आनंद की प्राप्ति किस बिन्दु पर है? इन सब प्रश्नों के जवाब तब मिलते हैं इसकी अनुभूति तब होती है जब हम पंचकोश को जानते […]

वरदराज पेरूमाल कोविल मंदिर, काँचीपुरम, तमिलनाडु

वरदराज पेरूमाल कोविल मंदिर, काँचीपुरम, तमिलनाडु वरदराज पेरूमाल कोविल दिव्य देशम में से एक है, जो विष्णु के वह 108 मंदिर हैं जहाँ 12 आलवार संतों ने तीर्थ करा था और विष्णु स्तुति गायी थीं। यह मंदिर कुछ 1100 वर्ष पुराना है। इसे प्रसिद्ध चोल राजा राज राजा प्रथम ने बनवाया था। बाद के समय […]

‘रामात् नास्ति श्रेष्ठ:’ ‘शक्तिक्रीडा जगत सर्वम्’ – संस्कृत भाषा का आध्यात्मिक संबंध

‘रामात् नास्ति श्रेष्ठ:’ ‘शक्तिक्रीडा जगत सर्वम्’ – संस्कृत भाषा का आध्यात्मिक संबंध (सूचना: विचारों का तंतुजाल जटिल हो सकता है, किंतु इसे सरल शब्दों में परिवर्तित करने की कोई मंशा नहीं है ☺️।) ‘रामात् नास्ति श्रेष्ठ:’ तथा ‘शक्तिक्रीडा जगत सर्वम्’ इन दोनों वाक्यों का संस्कृत भाषा के सन्दर्भ मे एक विशेष आध्यात्मिक संबंध है। संस्कृत […]

मास्टरस्ट्रोक ! पर किसका..?

मास्टरस्ट्रोक ! पर किसका..? आज का मूडी जी का मास्टरस्ट्रोक : जागो हिन्दू जागो हैश्टैग “टेक द फ़ाइट टू द स्ट्रीट्स” 👆गहन चिंतन करें और समझें। आज की नूपुर शर्मा की घटना अप्रत्याशित है। क्षुब्ध नहीं हूँ क्योंकि एक सत्ताधारी राजनीतिक पार्टी को सनातन का न तो रक्षक मानती हूँ न ही तारनहार। किसी से […]

राष्ट्रवादी उपभोक्ता बनेंगे ?

राष्ट्रवादी उपभोक्ता बनेंगे ? आपने शायद वो विडिओ देखा होगा चीन का मनी ट्रैप – यानि उसके पैसे के जाल के बारे में। कैसे चीन पहले सहायता के लिये लोन देता है और देशों के वापस ना चुकाने पर धीरे धीरे उस देश के संसाधनों और स्थानों तक पर अपना कानूनी रूप से वैध अधिकार […]

अम्मा

अम्मा माँ नोवेम्बर 1938 – अगस्त 2020 अम्मा चली गयीं। उनकी आत्मा अब दिवंगत हो गई। ईश्वर की शरण में है। जीवन चक्र का एक वृत्त पूर्ण हुआ। ये अच्छी तरह पता है, लेकिन माँ का रूप तो वही देखा जाना, जो इस जीवनमें था। आत्मा की यात्रा की जानकारी उनके अब अचानक से न […]

मेरा गीता पथ

मेरा गीता पथ गीता विश्व की सर्वाधिक अनुवादित पुस्तक है। गीता प्रेस, गोरखपुर का गीता की प्रतियाँ छापने का विश्व रिकॉर्ड है। सबसे प्रिय व प्रचलित ग्रंथों में से एक है भगवद्गीता! आज गीता-जयंती है, मोक्षा एकादशी – मार्ग शीष शुक्ल एकादशी! अनेक गहन लेख, विश्लेषण आज देखने और पढ़ने को मिले।  दो वर्ष पहले […]

सुता चली ससुराल!

सुता चली ससुराल! शादी करके लड़कियों को ही पति के घर क्यों जाना होता है ? इस प्रश्न का उत्तर देने का प्रयास.. जिस वैदिक समाज की आदिम वैवाहिक कल्पना ‘सूर्या’ के रूप में ऋग्वेद में प्रस्तुत की है, उसकी कल्पना न जाने कितनी शत-सहस्त्राब्दियों के बाद भी समाज में यथावत देखी जा सकती है। […]

“शक्तिक्रीड़ा जगत् सर्वम्”

“शक्तिक्रीड़ा जगत् सर्वम्” यह सारा जगत शक्ति की ही क्रीड़ा है।वस्तुत: परमात्मरूपा महाशक्ति ही विविध शक्तियों के रूप में सर्वत्र क्रीड़ा कर रही हैं। जहाँ शक्ति नहीं वहाँ न्यूनता है। शक्तिहीन का कहीं भी समादर नहीं होता। ध्रुव और प्रह्लाद भक्तिशक्ति के कारण पूजित हैं। गोपियाँ प्रेमशक्ति के कारण जगत्पूज्य हुई हैं। हनुमान और भीष्म […]